हाँ वहीँ....
जहाँ हम मिले थे
पहली बार
इस तरह
की सदियों से मिलते रहे हों ।
इस तरह
सकुचाये से की ...
छुईमुई भी सहम जाए
आँखों में शर्म का झीना परदा लगाये
साथ न जाने कितने ही सुखद पल
और एहसास लिए हम
लम्हों में सदियों का साथ लिए हम
विदा हो गए .......
सदा के लिए ...........
2 टिप्पणियां:
bahut hi sundar rachna........
dhanyawad arun ji...
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