गुरुवार, 2 जुलाई 2009

विदा

हाँ वहीँ....

जहाँ हम मिले थे

पहली बार

इस तरह

की सदियों से मिलते रहे हों ।

इस तरह

सकुचाये से की ...

छुईमुई भी सहम जाए

आँखों में शर्म का झीना परदा लगाये

साथ न जाने कितने ही सुखद पल

और एहसास लिए हम

लम्हों में सदियों का साथ लिए हम

विदा हो गए .......

सदा के लिए ...........

2 टिप्‍पणियां:

"MIRACLE" ने कहा…

bahut hi sundar rachna........

kshama ने कहा…

dhanyawad arun ji...