गुरुवार, 19 अगस्त 2021

सोशल मीडिया -अंधी दौड़

   युवा होती पीढ़ी में इंस्टाग्राम बहुत लोकप्रिय है।  उस पर चल रही रील्स ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम किस दिशा में जा रहे.. हर रोज नये तरह के पहनावे और हाव-भाव के साथ उपस्थित बच्चे...और अब तो कंटेंट के नाम पर घर के बुजुर्ग भी शामिल किए जा रहे इस प्रदर्शन में। कुछ सेकेंड की वीडियो के लाखों व्यूज.. मनोरंजन के नाम पर जो हो रहा.. वह समाज को कोई दिशा नहीं देने वाला , ये तो तय है। पैसे कमा सकते हैं व्यूज के नाम पर.. लेकिन इस युवा होती पीढ़ी के पास कुछ भी शेष नहीं होगा अपनी अगली पीढ़ी को देने के लिए।

 इंस्टाग्राम पर ही एक लड़की
कहती है.. इतने सुंदर लोग आखिर इंस्टाग्राम पर आ कहाँ से रहे..? सप्लाई कहाँ से हो रही इनकी...। 
वाकई इतने खूबसूरत लड़के-लड़कियाँ की देखते रह जाओ।

                                 टिक-टॉक बैन हुआ तो लगा थोड़ी राहत हो गयी। फेसबुक पर वीडियो का ऑप्शन है.. जिस तरह के वीडियो वहाँ देखने को उपलब्ध हैं..
पॉर्न देखने के लिए कुछ तलाशने की जरुरत ही नहीं है। पहले सिर्फ पोस्ट तक सीमित फेसबुक ने सारा दिन दिल,दिमाग को बंधक बनाए रखने के लिए वीडियो का विकल्प भी डाल दिया है।
रील्स की चकाचौंध में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। रील्स बनाने वाले को फिर भी पैसे मिल रहे.. देखने वाला सारा दिन चाहे तो बैठ कर देखता रह जाये। 
             

इन सबमें ट्विटर फिर भी बेहतर है। जहाँ खबरों और सूचनाओं का आदान-प्रदान सहजता से किया जाता है। विचारों का त्वरित प्रसारण और अब तो स्पेसेस ने ट्विटर को संवाद का मुख्य जरिया बना दिया है।