सोमवार, 20 जुलाई 2009

लेखन के शुरुआती दौर की अपरिपक्व रचना

आज-कल के लड़को की ख्वाहिश यही ...

कि बाइक पर बैठेगी लड़की वही

जिसने पहनी होगी जींस और शार्ट स्कर्ट

वो बन जाएगी लव इनका फर्स्ट ।

कितनी बदल जायेगी ये धारणा तब

आएगी घर में अर्धांगिनी जब

वही लड़के जिन्हें चाह थी

जींस और शार्ट स्कर्ट की

करने लगेंगे बातें अब लज्जा और फ़र्ज़ की...

चाहेंगे की मेरे सिवा इसने ना चाहा हो

किसी और को

भले शादी के पहले वो घुमाते रहे हों किसी और को ।

1 टिप्पणी:

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

वाह बहुत खूब , कडुआ सत्य