सहजै रहिबा
शनिवार, 18 जुलाई 2009
खुद की तलाश में भटक रही हूँ
इधर-उधर
जो मिल जाये मेरा वजूद तो
बताऊ मैं कौन हूँ ....
तलाशती हूँ ख़ुद को
निगाहों में तेरी
तू नज़र उठाये
तब तो बताऊ मैं कौन हूँ .....
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