मिटटी सने मजबूत हाथ
गढ़ते हैं सपने
बर्तनों में उतर आयी है
उसके पसीने की खुशबू
मिटटी पक रही है
उसके पसीने में
सोंधापन है ...
मिटटी सने हाथो में
बखार है
खेतों में उतरे हैं
इन्द्रदेव
उसके आंतो में
रोटी का सोंधापन है
तभी अचानक
मिटटी सने हाथों से
छीन ली जाती है
मिटटी
और
थमा दी जाती है ' मौत '
पसरा है सन्नाटा
और तभी
' ब्रेकिंग न्यूज़ '
शेयर बाज़ार में उछाल
सोना संभला
अर्थव्यवस्था में तेजी
गढ़ते हैं सपने
बर्तनों में उतर आयी है
उसके पसीने की खुशबू
मिटटी पक रही है
उसके पसीने में
सोंधापन है ...
मिटटी सने हाथो में
बखार है
खेतों में उतरे हैं
इन्द्रदेव
उसके आंतो में
रोटी का सोंधापन है
तभी अचानक
मिटटी सने हाथों से
छीन ली जाती है
मिटटी
और
थमा दी जाती है ' मौत '
पसरा है सन्नाटा
और तभी
' ब्रेकिंग न्यूज़ '
शेयर बाज़ार में उछाल
सोना संभला
अर्थव्यवस्था में तेजी
5 टिप्पणियां:
वाह...........
गहन रचना....
अनु
man ko chhu lene wali rachna....
अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बहुत गहन और सुन्दर प्रस्तुति...
सुंदर !
एक टिप्पणी भेजें