रुपया गिर रहा है ,आर्थिक विकास दर गिर रही है ,प्रधानमंत्री -राष्ट्रपति पद की गरिमा गिर रही है ( उदास होने की जरुरत नही ) कुछ चीज़ें बढ़ी भी हैं महंगाई ,भ्रष्टाचार ,बेरोजगारी ....गिरने और उठने इस क्रम से ही तो हमारे जीवन का बैलेंस बना हुआ है . अब इन सबके साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए हमें...
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