मैं खिलाफ हूँ
सत्ता के
जो हर बार मेरी आवाज
घोंट देना जानता है
सत्ता की प्रतिरोधक क्षमता जाती रही अब
हर तरफ स्याह नज़र आता है उसे
अगर कुछ नज़र नहीं आता
तो वह गुबार
जो फूट कर
आसमान में
पैबस्त हो जाना चाहता है
हमारी शिराओं में दौड़ता रक्त प्रवाह
जो पसीने की बूंदों को
लाल कर देता है
नहीं आती वो सड़ांध
जो नासिका से मस्तिष्क तक
पहुच कर
बेधती है जुबान
और छलनी कर देती है फेफड़े को
धौकनी सी चलती सांसें
घुटने लगती हैं अचानक
क्योकि देख लेता है कोई सिपहसलार
मुझे आक्रामक मुद्रा में
मैं समेट लेता हूँ
अपने शब्द
मेरे भीतर की क्रांतिकारिता
सिर्फ अकेले में व्यक्त होती है
चीखता हूँ भीतर -भीतर
और खुद को किसी भीडभाड वाली सड़क पर
गुम पाता हूँ
देखता हूँ
खुद को किसी 'तलाश है' वाले पोस्टर में
गुमशुदा सा , गमजदा सा
सत्ता के
जो हर बार मेरी आवाज
घोंट देना जानता है
सत्ता की प्रतिरोधक क्षमता जाती रही अब
हर तरफ स्याह नज़र आता है उसे
अगर कुछ नज़र नहीं आता
तो वह गुबार
जो फूट कर
आसमान में
पैबस्त हो जाना चाहता है
हमारी शिराओं में दौड़ता रक्त प्रवाह
जो पसीने की बूंदों को
लाल कर देता है
नहीं आती वो सड़ांध
जो नासिका से मस्तिष्क तक
पहुच कर
बेधती है जुबान
और छलनी कर देती है फेफड़े को
धौकनी सी चलती सांसें
घुटने लगती हैं अचानक
क्योकि देख लेता है कोई सिपहसलार
मुझे आक्रामक मुद्रा में
मैं समेट लेता हूँ
अपने शब्द
मेरे भीतर की क्रांतिकारिता
सिर्फ अकेले में व्यक्त होती है
चीखता हूँ भीतर -भीतर
और खुद को किसी भीडभाड वाली सड़क पर
गुम पाता हूँ
देखता हूँ
खुद को किसी 'तलाश है' वाले पोस्टर में
गुमशुदा सा , गमजदा सा
1 टिप्पणी:
बहुत प्रभावी ...
आक्रोश की हद तक ...
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