सहजै रहिबा
मंगलवार, 29 मई 2012
तमाम उम्र जिसे हम खुदा समझते रहे
वक़्त आने पर वो मामूली बुत निकला ..
सितमगर कोई और होता तो सह लेते मगर
सनम अपना ही काफ़िर निकला...
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