बाघ संरक्षण में लुप्तप्राय प्राणियों को बचाने के साथ ही बड़े परिमाण के जैव-प्रजातियों को संरक्षित करने के साधन के रुप में देखा गया।
बाघों की एक बड़ी आबादी भारत तथा नेपाल के क्षेत्रों में निवास करती थी। ये दोनों ही क्षेत्र अवैध शिकार के क्षेत्र बन गए। अवैध व्यापार के लिए बाघों की खाल का उपयोग किया जाने लगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस' की शुरुआत की। भारत में बाघों की संख्या की घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि देश मे 3167 बाघ हैं। भारत के 18 राज्यों में 51 टाइगर रिजर्व हैं। CA/TS एक संस्था है जो विश्व स्तर पर बाघों की आबादी के प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम मानकों और प्रथाओं का निर्धारण करती है। भारत के 14 बाघ अभ्यारणों को वैश्विक संरक्षण मानक की मान्यता प्राप्त है। ये 14 अभ्यारण हैं -
- असम में ओरंग, मानस और काजीरंगा
- मध्य प्रदेश में कान्हा, पन्ना और सतपुड़ा
- महाराष्ट्र में पेंच
- बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
- उत्तर प्रदेश में दुधवा
- पश्चिम बंगाल में सुंदरबन
- केरल में परम्बिकुलम
- कर्नाटक का बांदीपुर टाइगर रिजर्व
- तमिलनाडु में अन्नामलाई और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व।
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