बुधवार, 2 सितंबर 2015

ब्रांडेड रे बैन का चश्मा पहनकर

कवि ...

सुन्दर, सुकूनदेह पहाड़ी पर

फोटो खिंचाता है..

फेसबुक पर अपना डेस्टिनेशन दर्शाता है ..


फैब इंडिया के लकदक कुर्ते में

हाशिये पर खड़े लोगों पर

कविता सुनाता है

और

अपनी लम्बी कार में बैठ

पांच सितारा होटल लौट जाता है .


कवि है ..

अपना कविता धर्म निभाता है

शातिर शब्दों का जाल फैलाता है

विचारधारा को जूते की नोंक से रगड़ता है

और आगे बढ़ जाता है ..


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