शुक्रवार, 27 मई 2011

उपजाऊ जमीन के बदले विकास नही चाहिए 
 अन्नदाता के बदले करदाता नही चाहिए 
बखार के बदले  माल नही चाहिए (भट्टा पारसौल, सिंगुर,नंदीग्राम  के सन्दर्भ में )

1 टिप्पणी:

mark rai ने कहा…

ye vikaash hai kahan...shayad vinaash hi hai.........