शनिवार, 6 नवंबर 2010

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ओबामा जी का स्वागत है . भारत आये हैं तो कुछ सोच कर ही आये होंगे. वर्ना उनके आगे हमारी बिसात क्या है, तभी तो भारत की सुरक्षा एजेंसियों पर उनको भरोसा नही है. अमेरिका से सब तामझाम ले कर आये हैं. हम शर्मिंदा हैं की हम उनकी सुरक्षा भी नही कर सकते . चलिए कुछ तो सबक सीखना होगा इन साहेब से.अपनी सुरक्षा अपने हाथ.हमारा कुछ काम तो कम कर दिया . खैर, जबसे आने की खबर सुनी थी यही सोच रही थी की आये क्यों हैं?? जवाब हो किसी के पास तो हमे भी बता देना...खैर.मेरी समझ काम हो सकती है पर यही लगता है परमाणु  संधि पर ही  कोई अहम्  बात होगी.कोई अपने (अमेरिका)हित की बात ही होगी..

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